काशी में गंगा किनारे होने वाले प्रसिद्ध गंगा आरती के लिए अब नगर निगम में पंजीकरण कराना अनिवार्य है। काशी में गंगा के किनारे होने वाले सांध्यकालीन आरती को लेकर पिछले कुछ दिनों से पंडा समाज मे आपसी खींचातानी चल रही थी इसी दौरान अस्सी घाट पर सुबह बनारस के मंच पर आयोजित गंगा आरती के बाद पंडा समाज ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा आरती के लिए पंजीकरण की व्यवस्था कर दी है। पंजीकरण व्यवस्था के तहत काशी में गंगा के किनारे माँ गंगा की आरती करने वाली सभी संस्थाओं को 31 मार्च तक नगर निगम की ओर से जारी पत्र पर पंजीकरण कराना होगा। नियत तिथि के बाद गंगा के किनारे बिना पंजीकरण कोई भी संस्था गंगा आरती का संचालन नही कर पायेगा।
इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी ने बताया कि घाट पर आयोजित होने वाली गंगा आरती सरकारी जमीन पर आयोजिय की जाती है भविष्य में कोई भी संस्था इस अपना स्वामित्व न जता पाए इसलिए पंजीकरण कराने के बाद प्रत्येक वर्ष पंजीकरण को रिन्यूवल कराना अनिवार्य हो जाएगा। आपको ये भी बताते चले कि काशी के गंगा घाटों पर दर्जन भर से ज्यादा संस्थाओं की ओर से माँ गंगा के आरती का संचालन किया जाता है।