31 जुलाई 2019
आनन्द कुमार चौबे (संवाददाता)
– 8 ब्लाक प्रमुखों ने खोला मोर्चा
– कोर्ट जाने की दी धमकी
– मुख्यमंत्री को भी लिखा पत्र
– टांका मनरेगा की राह पर : प्रशांत सिंह
सोनभद्र । परंपरा और परिपाटी की देन उभ्भा गांव में हुए नरसंहार ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। वहीं गांव में बन रहे करोड़ों रुपये के लागत से टांका निर्माण में एकल खाते के संचालन की परिपाटी व परंपरा के खिलाफ इन दिनों जनपद के सभी ब्लाक प्रमुखों ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री ने जल संचयन को लेकर पूरे देश के प्रधानों को पत्र लिखकर अपील की तो सोनभद्र जिला प्रशासन ने राजस्थान की तर्ज पर टांका का निर्माण शुरू करा दिया । लेकिन टांका निर्माण के लिए बजट का आबंटन ब्लाक के बीडीओ के एकल खाते में करा दिया । क्षेत्र में हो रहे कार्य को प्रमुख संघ पंचायती राज एक्ट-1961 का उलंघन बता रहे हैं तो वहीं प्रशासन लंबे समय से चली आ रही परंपरा की दुहाई दे रहे हैं ।
एक रिपोर्ट
सोनभद्र, एक ऐसा जनपद जो सूबे में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला दूसरे नम्बर का जनपद है । वावजूद इसके यह जनपद देश में 115 पिछड़े जनपदों की सूची में शामिल है । देश के आधे हिस्सों में बिजली पहुंचाने के अलावा सूबे में बन रहे बड़े बड़े इमारत और मकानें जनपद सोनभद्र के खनिज से बन रहा । मगर जिला बनने के 30 साल बाद भी सोनभद्र पिछड़ा ही रह गया।
ब्लाक प्रमुख म्योरपुर, संजय यादव का कहना है कि यहां तैनात अफसर और जनप्रतिनिधि जरूर अमीर हो गए मगर जनपद अभी भी पुरानी परंपराओं के मकड़जाल से निकल नहीं सका। शायद इसका बड़ा कारण यहाँ तैनात अफसर शासन की गाइडलाइन नहीं बल्कि परंपरा को लेकर चल रहे हैं। घोरावल तहसील के उभ्भा गांव का नरसंहार भी परंपरा की ही देन रही है।
परंपरा से जुड़ा ताजा मामला सोनभद्र में बन रहे टांका निर्माण में देखा जा सकता है जिसमें जिला खनन निधि का फंड बीडीओ के एकल खाते में भेज दिया गया। बीडीओ के एकल खाते से संचालन को लेकर जिले के सभी ब्लाक प्रमुख इसे भष्टाचार की पहली सीढ़ी मान रहे हैं ।
ब्लाक प्रमुख नगवा, प्रशांत सिंह का यह कहना है कि जिस तरीके से मनरेगा में भ्रष्टाचार हुआ है उसी तरीके से टांका निर्माण में भी बड़ा भ्रष्टाचार करने की नींव प्रशासन ने पहले से ही एकल खाता संचालन से कर दी है। उनका कहना हैं कि प्रशासन को पारदर्शिता के लिए जॉइंट एकाउंट में पैसा देना चाहिए।
वहीं ब्लाक प्रमुख, घोरावल प्रेम कोल का यह भी कहना हैं कि क्षेत्र पंचायत का टेंडर निकालकर एकल खाता से संचालित होना कहीं न कहीं बड़ा गोलमाल है क्योंकि बीडीओ कोई कार्यदायी संस्था नहीं है। उनका है कि वे इस मामले को लेकर सीएम को चिट्ठी लिखे है। यदि हमारी बात नहीं मानी गयी तो प्रमुख संघ कोर्ट से न्याय की गुहार लगाएगा।
जिला खनिज निधि के फंड से जनपद में जल संचयन के लिए हो रहे टांका निर्माण के कार्य को लेकर अधिकारी भले ही अपनी व्यस्तता दिखा रहे हो मगर इस पूरे मामले पर वे पंचायती राज एक्ट-1961 की बात छोड़ कर परंपरा की बात कर रहे हैं।
जिला विकास अधिकारी रामबाबू त्रिपाठी का कहना है कि जिस तरीके से अन्य निधियों के कार्य एकल खाते से कराया जाता है उसी तरीके से टांका निर्माण का कार्य भी एकल खाते से कराया जा रहा है। अधिकारी एक्ट की बात करने से बच रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जल संचयन को लेकर पूरे देश के प्रधानों को पत्र लिखकर अपील की तो सोनभद्र जिला प्रशासन ने राजस्थान की तर्ज पर टांका का निर्माण शुरू करा दिया लेकिन टांका निर्माण के लिए बजट आबंटित होते ही प्रमुख संघ और जिला प्रशासन आमने-सामने आ गए। बीडीओ के एकल खाते में धन भेजने को प्रमुख संघ पंचायती राज एक्ट-1961 के उलंघन बताते हुए साजिश करार दे रहे हैं वहीं प्रशासन परंपरा की दुहाई दे रहे हैं।
बहरहाल टांका में कांटा लगने से जहां प्रधानमंत्री का सपना टूट सकता है वही प्रमुख द्वारा लागये गए आरोप बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा भी कर रहा है।